
जमीन खरीदना या बेचना एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है, जिसमें रजिस्ट्री प्रक्रिया का विशेष महत्व है। रजिस्ट्री के माध्यम से संपत्ति का कानूनी हस्तांतरण सुनिश्चित होता है, और इसके लिए विभिन्न शुल्कों का भुगतान करना पड़ता है। इस लेख में, हम विस्तार से जानेंगे कि यूपी में जमीन रजिस्ट्री करने में कितना खर्च आता है? और इससे संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ भी जानेगे।
रजिस्ट्री क्या है?
रजिस्ट्री वह कानूनी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से संपत्ति के स्वामित्व (ownership) का आधिकारिक रिकॉर्ड सरकार के पास दर्ज किया जाता है। यह प्रक्रिया संपत्ति के मालिकाना हक को सुरक्षित करती है और भविष्य में किसी भी विवाद से बचने में मदद करती है।
उत्तर प्रदेश में जमीन रजिस्ट्री के दौरान लगने वाले खर्च
उत्तर प्रदेश में जमीन की रजिस्ट्री का खर्चा कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि भूमि का प्रकार, स्थान (शहरी या ग्रामीण क्षेत्र), सर्कल रेट, और खरीदार का लिंग। रजिस्ट्री के दौरान मुख्य रूप से स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क देना होता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि किस प्रकार की जमीन पर कितना खर्च आएगा।
- स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty):स्टाम्प ड्यूटी एक कर है जो सरकार संपत्ति के लेन-देन पर लगाती है। उत्तर प्रदेश में स्टाम्प ड्यूटी चार्जेज आपकी ज़मीन के मूल्य का 4% से 8% तक होता है:
- अधिकतर पुरुषों के लिए: संपत्ति के मूल्य का 7% और
- महिलाओं के लिए: संपत्ति के मूल्य का 6%
उदाहरण के लिए, यदि किसी संपत्ति का मूल्य ₹50 लाख है, तो पुरुष खरीदार के लिए स्टांप ड्यूटी ₹3,50,000 होगी, जबकि महिला खरीदार के लिए यह ₹3,00,000 होगी।
💡महिलाओं को स्टांप ड्यूटी में 1% की छूट मिलती है, जिससे महिलाओं को प्रोत्साहित किया जाता है कि वे संपत्ति अपने नाम पर खरीदें।
- रजिस्ट्रेशन शुल्क (Registration Fee):रजिस्ट्रेशन शुल्क संपत्ति के मूल्य का 1% होता है। फरवरी 2020 में, उत्तर प्रदेश सरकार ने रजिस्ट्रेशन शुल्क की अधिकतम सीमा ₹20,000 को हटाकर इसे संपत्ति के कुल मूल्य का 1% निर्धारित किया है। उदाहरण के लिए, ₹1 करोड़ की संपत्ति पर रजिस्ट्रेशन शुल्क ₹1,00,000 होगा।
- अन्य कानूनी शुल्क (Legal Charges):
- वकील की फीस: दस्तावेज़ तैयार करने और कानूनी सलाह के लिए।
- दस्तावेज़ तैयार करने का शुल्क: बैनामा, पावर ऑफ अटॉर्नी आदि के लिए।
- प्रोसेसिंग शुल्क: रजिस्ट्री कार्यालय में आवेदन प्रसंस्करण के लिए।
- नकल शुल्क: रजिस्टर्ड दस्तावेज़ की प्रमाणित प्रति प्राप्त करने के लिए शुल्क।
रजिस्ट्री प्रक्रिया के चरण
- संपत्ति का मूल्यांकन:सर्कल रेट के आधार पर संपत्ति का मूल्य निर्धारित करें।
- स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की गणना:निर्धारित दरों के अनुसार शुल्क की गणना करें।
- दस्तावेज़ तैयार करना:बैनामा, पावर ऑफ अटॉर्नी आदि दस्तावेज़ तैयार करें।
- स्टांप पेपर खरीदना:आवश्यक स्टांप ड्यूटी के अनुसार स्टांप पेपर खरीदें।
- रजिस्ट्री कार्यालय में आवेदन:सभी दस्तावेज़ों के साथ रजिस्ट्री कार्यालय में आवेदन जमा करें।
- बायोमेट्रिक सत्यापन:खरीदार और विक्रेता का बायोमेट्रिक सत्यापन होता है।
- दस्तावेज़ों का पंजीकरण:सभी प्रक्रियाओं के पूर्ण होने पर दस्तावेज़ों का पंजीकरण किया जाता है।
महत्वपूर्ण बाते
- सभी शुल्क समय पर और सही तरीके से जमा करें।
- सभी दस्तावेज़ों की प्रतियां सुरक्षित रखें।
- रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान किसी भी धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहें।
सर्कल रेट क्या है और इसका महत्व
सर्कल रेट वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर सरकार स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की गणना करती है। यह क्षेत्र, संपत्ति के प्रकार, और उपयोग के आधार पर भिन्न होता है। सर्कल रेट जानने के लिए आप स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग, उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं।
सर्किल रेट देखने लिए ऑफिसियल वेबसाइट – igrsup.gov.in
सर्कल रेट क्यों महत्वपूर्ण है?
- स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क की गणना सर्कल रेट के आधार पर होती है।
- संपत्ति का न्यूनतम मूल्य निर्धारित करने के लिए सरकार द्वारा यह तय किया जाता है।
- रियल एस्टेट लेन-देन में पारदर्शिता बनाए रखने में मदद करता है।
उत्तर प्रदेश में सर्कल रेट कैसे पता करें?
उत्तर प्रदेश में किसी भी क्षेत्र का सर्कल रेट जानने के लिए आप निम्नलिखित तरीके अपना सकते हैं:
1. उत्तर प्रदेश स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से सर्कल रेट जानें
उत्तर प्रदेश सरकार ने igrsup.gov.in वेबसाइट पर सर्कल रेट की जानकारी उपलब्ध कराई है। यहाँ से आप आसानी से अपने क्षेत्र का सर्कल रेट चेक कर सकते हैं।
ऑनलाइन सर्कल रेट चेक करने की प्रक्रिया:
- सर्किल रेट चेक करने के लिए यूपी सरकार द्वारा जारी igrsup.gov.in वेबसाइट पर जाएं।
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाने के बाद Menu के सेक्शन में “मूल्यांकन सूची” (Evaluation List) के ऑप्शन पर क्लिक करे।

- “मूल्यांकन सूची” विकल्प पर क्लिक करने के बाद आपके सामने एक नया पेज खुलेगा जिसमे आपको अपना जनपद, उप निबंधक कार्यालय को चुनना होगा इसका बाद कॅप्टचा कोड भरकर “मूल्यांकन सूची देखे” बटन पर क्लिक करदे।

- अब आपके द्वारा की गई जानकारी के अनुसार आपको सर्कल रेट की लिस्ट (Circle Rate List Pdf) मिल जाएगी।

2. तहसील या रजिस्ट्री कार्यालय से जानकारी प्राप्त करें
यदि आपको ऑनलाइन जानकारी प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है, तो आप सीधे अपने क्षेत्र के सब-रजिस्ट्रार कार्यालय (Sub-Registrar Office) या तहसील में जाकर भी सर्कल रेट की जानकारी ले सकते हैं। वहाँ आपको संपत्ति के प्रकार (आवासीय, व्यावसायिक, कृषि भूमि आदि) के अनुसार सर्कल रेट बता दिया जाएगा।
3. रियल एस्टेट एजेंट या वकील से संपर्क करें
रियल एस्टेट डीलर या संपत्ति मामलों के विशेषज्ञ वकील भी सर्कल रेट की जानकारी रखते हैं। यदि आप जमीन खरीदने या बेचने की योजना बना रहे हैं, तो किसी अनुभवी वकील से संपर्क कर सर्कल रेट की पुष्टि कर सकते हैं।
4. स्थानीय नगर निगम या विकास प्राधिकरण की वेबसाइट पर जाएं
कई जिलों में नगर निगम या विकास प्राधिकरण (जैसे LDA – लखनऊ विकास प्राधिकरण) की वेबसाइट पर भी सर्कल रेट की जानकारी उपलब्ध होती है। आप अपने जिले की नगर निगम या विकास प्राधिकरण की वेबसाइट पर जाकर सर्कल रेट देख सकते हैं।
✅उत्तर प्रदेश में किसी भी क्षेत्र का सर्कल रेट जानने के लिए सबसे आसान तरीका igrsup.gov.in वेबसाइट पर जाना है। इसके अलावा, आप स्थानीय तहसील, रजिस्ट्री कार्यालय, या किसी संपत्ति विशेषज्ञ से संपर्क करके भी सर्कल रेट की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
ऑनलाइन स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty) और रजिस्ट्रेशन शुल्क (Registration Charges) कैसे चेक करें?
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty) और रजिस्ट्रेशन शुल्क (Registration Fees) की गणना के लिए ऑनलाइन सुविधा दी है। आप इस प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं:
- Stamp Duty चेक करने के लिए यूपी सरकार द्वारा जारी igrsup.gov.in वेबसाइट पर जाएं।
- “विभागीय सेवाएं” सेक्शन में मौजूद “अन्य सेवाएं” के सुब-सेक्शन में “स्टाम्प-निबन्धन शुल्क कैलकुलेटर“ पर क्लिक करे।

- “स्टांप शुल्क कैलकुलेटर” पर क्लिक करने के बाद आपके सामने “स्टाम्प-निबन्धन शुल्क कैलकुलेटर” खुल जाएगा।

- अब आप कैलकुलेटर में ज़मीन के अनुसार मांगी गई जानकारी को सही से भरें और विवरण देखें बटन पर क्लिक करे और अपने शुल्क का विवरण प्राप्त करें।
क्या रजिस्ट्री शुल्क में छूट मिल सकती है?
हां, कुछ मामलों में सरकार छूट प्रदान करती है:
- महिलाओं के लिए: स्टांप ड्यूटी में 1% की छूट।
- सरकारी योजनाओं के तहत खरीद: प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं में रजिस्ट्री शुल्क में छूट मिल सकती है।
- कृषि भूमि हस्तांतरण (पारिवारिक सदस्य को): पिता से पुत्र को कृषि भूमि हस्तांतरित करने पर कम शुल्क देना पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश में जमीन की रजिस्ट्री का खर्च संपत्ति के प्रकार, स्थान और खरीदार के लिंग पर निर्भर करता है। स्टांप ड्यूटी जमीन की कीमत का 4% से 8% और रजिस्ट्रेशन शुल्क 1% होता है। अगर आप जमीन खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो पहले सर्कल रेट और स्टांप ड्यूटी की गणना करें, ताकि आपको सही बजट का अनुमान हो सके और कोई अतिरिक्त खर्च न हो।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
नहीं, उत्तर प्रदेश में स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क पूरे राज्य में एक समान नहीं हैं। ये शुल्क संपत्ति के बाजार मूल्य, क्षेत्र और कई अन्य कारकों पर निर्भर करते हैं।
हाँ, उत्तर प्रदेश में महिलाओं के लिए स्टांप ड्यूटी की दर पुरुषों की तुलना में 1% कम है।
आप स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग, उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर सर्कल रेट की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
रजिस्ट्री के बाद, यदि कोई कानूनी विवाद या अन्य प्रक्रिया होती है, तो अतिरिक्त शुल्क लग सकते हैं।
सभी दस्तावेज़ सही होने पर रजिस्ट्री प्रक्रिया एक दिन में पूरी हो सकती है।
नहीं, स्टांप ड्यूटी संपत्ति के प्रकार (आवासीय, वाणिज्यिक, कृषि) और स्थान (शहरी, ग्रामीण) के अनुसार अलग-अलग होती है।